चार महीने पाकिस्तान की कैद बन रहा, अब चाहिए वक्त से पहले सेवानिवृति
साल
2016 में भारत की ओर से पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक आप को याद ही होगी.
उसी सर्जिकल स्ट्राइक में जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण ने गलती से नियंत्रण रेखा पार कर
ली थी.
24 साल के चंदू ने करीबन चार महीने
पाकिस्तान की कैद में बिताए हैं. मगर अब वह सेना की नौकरी से रिटायमेंट लेना चाहते
हैं. पुणे के रहने वाले चंदू ने वक्त से पहले सेवानिवृति की मांग की है और इस बात
को लेकर वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों को
पत्र भी लिखा है. जिस पत्र में उन्होंने अपना दर्द बयां
किया है.
दरअसल,
चंदू के भारत लौटने के बाद उन्हें किरकी में सैन्य अस्पताल के मनोरोग वार्ड में
भर्ती कराया गया था. उन्होनें वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिख कर कहा कि वह बहुत
परेशान है.
जब
वह पाकिस्तान से लौटे तो भारत में उनके खिलाफ जांच हुई और फिर जांच के बाद उन्होंने
89 दिन की सजा काटी. चव्हाण को अक्टूबर 2017 में कोर्ट मार्शल कर जेल भेज दिया गया
था. साथ ही उनपर आरोप लगा था कि चव्हाण ने बिना अपने सीनियर्स को बताए हथियारों के
साथ कैंप छोड़ा था.
भारत
की जेल में सजा काटने के बाद उन्हें मानसिक इलाज के लिए किरकी में सेना के अस्पताल
भेजा गया था. शनिवार को अस्पताल से छूटने के बाद चव्हाण ने कहा कि वे सेना की
नौकरी छोड़ना चाहते हैं, क्योंकि पिछले दो सालों में उनके साथ
जो कुछ भी हुआ, उससे वे बेहद तनाव में हैं. मगर वहीं
अभी दक्षिणी कमांड अधिकारी ने कहा कि उन्हें चव्हाण की ओर से कोई पत्र नहीं मिला
है.
आप
को बता दें, भारतीय सेना के 37
राष्ट्रीय राइफल्स के जवान चंदू बाबूलाल 29
सितंबर 2016 को अचनाक गायब हो गए थे. बाद में पता चला कि उन्होनें अनजाने में
नियंत्रण रेखा को पार कर ली थी. भारत लौटने के बाद सेना ने अनुशासनात्मक कार्रवाई
के तहत उन्हें सजा दी, मगर बाद में उन्हें महाराष्ट्र के अहमदनगर में सशस्त्र कोर
केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया था.
Comments
Post a Comment