इस ट्रेन के साथ दौड़ते हैं घोड़े, हर कोच पर रहती है BSF जवानों की नजर

भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन काफी अहम है. ये एक ऐसी अकेली ट्रेन जो जवानों की सुरक्षा के बीच चलती है. 22 जुलाई 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू हुई 'समझौता एक्सप्रेस' के साथ घोड़ों पर जवान चलते हैं. मौजूदा समझौते के

हिसाब से ये ट्रेन फिलहाल 2019 तक चलेगी.

अटारी-वाघा के बीच कैसे गुजरती है ट्रेन

समझौता एक्सप्रेस अटारी-वाघा के बीच केवल तीन किमी का रास्ता तय करती है. ट्रेन के चलने से पहले पटरियों की अच्छे से जांच की जाती है. बीएसएफ के जवान घोड़े पर सवार होकर ट्रेन के साथ चलते हैं. ट्रेन के हर कोच पर उनकी नजर होती है. जवान कोई भी संवेदनशील घटना होने पर तुरंत एक्शन लेते हैं.

कैसे शुरू हुई थी ये ट्रेन

1971 की लड़ाई के बाद इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला समझौता हुआ. इसके तहत रेल संपर्क बनाने का समझौता हुआ.  अटारी से लेकर लाहौर तक रेल मार्ग पहले से मौजूद था, इसलिए समझौता एक्सप्रेस को शुरू करने में कोई विशेष रुकावट नहीं आई. जबकि राजस्थान में 1965 की जंग में भारतीय सेना ने खोखरा पार को अपने कब्जे में लेकर रेल पटरियां उखाड़ दी, इसलिए थार एक्सप्रेस की शुरुआत करने से पहले दोनों देशों ने अपने-अपने इलाके में फिर से रेल लाइन बिछाने का काम किया..

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